राजनीतिक या कानूनी अधिकारों के लिए क्षेत्रों को अलग करने वाली भौगोलिक सीमाएं होती हैं जिन्हें बॉर्डर भी कहा जाता है. अंतरराष्ट्रीय सीमाएं भी देशों को अलग करती हैं. जो रेखाएं अस्पष्ट और अनुचित सीमाओं से उत्पन्न होती हैं वे दुनिया भर में हमेशा विवाद पैदा करती हैं. कुछ बॉर्डर्स तो सड़कों से शुरू होकर सड़को पर ही खत्म हो जाते हैं और कुछ ऐसे भी हैं जिनके बीच नदियों या खाई का फासला है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता, आर्थिक असमानता, और पड़ोसी देशों के बीच विवाद उनके बीच की सीमाओं या बॉर्डर्स को असुरक्षित बनाता है. आइये इस लेख के माध्यम से उन बॉर्डर्स या सीमाओं के बारे में अध्ययन करते हैं जो बेहद खतरनाक हैं और क्यों.
दुनिया के सबसे खतरनाक बॉर्डर
1. भारत और पकिस्तान के बीच का बॉर्डर

दो परमाणु राष्ट्र लगभग 2,900 किलोमीटर (1,800 मील) की सीमा को सांझा करते हैं और यहां का मौसम भी अपने चरम पर रहता है. दोनों देशों के बीच सीमा विवाद ब्रिटिश राज से आजादी मिलने के बाद 1947 के विभाजन के बाद शुरू हुआ था. विभाजन के बाद दोनों देशों ने 3 घातक युद्ध देखे. विभिन्न इलाकों और अप्रचलित क्षेत्रों के कारण, यह दुनिया की सबसे जटिल सीमाओं में से एक है. क्या आप जानते हैं कि भारत द्वारा 150,000 फ्लडलाइट स्थापित करने के कारण यह अंतरिक्ष से देखी जाने वाली एकमात्र सीमा है.
2. साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया के बीच का बॉर्डर

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच की सीमा लगभग 250 किलोमीटर (160 मील) लंबी है. इस क्षेत्र को DMZ या कोरियाई डेमिलीटराइज्ड (Korean Demilitarized Zone) जोन के रूप में जाना जाता है. यह सीमा 1953 में उत्तरी कोरिया, चीन और संयुक्त राष्ट्र के बीच समझौते द्वारा स्थापित की गई थी. क्या आप जानते हैं कि यह 2 लाख सैनिकों के साथ दुनिया की सबसे ज्यादा सैनिकों से घिरी हुई सैन्य सीमा है. दोनों देशों के बीच की सीमा शांति वार्ता और बातचीत करने के लिए एक बफर के रूप में कार्य करती है. यह सीमा अपनी उच्च अस्थिर प्रकृति के कारण दुनिया में सबसे खतरनाक मानी जाती है.
3. इरान और इराक के बीच का बॉर्डर

दुनिया की सबसे खतरनाक सीमाओं में से एक इराक और ईरान के बीच की सीमा है, जो Shatt-al-Arab नदी से तुर्की तक है. इस सीमा को परिभाषित किए हुए सैकड़ों वर्ष हो गए हैं लेकिन इस क्षेत्र में विशेष रूप से नदी के उपयोग को लेकर विवाद चल रहा है. 1980 में, इराक ने ईरान पर अवैध रूप से इराकी क्षेत्र पर कब्जा करने और मिसाइलों का शुभारंभ करने का आरोप लगाया था. आठ साल के बाद दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र शांति समाधान पर हस्ताक्षर किए.
4. यमन और सऊदी अरब के बीच का बॉर्डर

सऊदी अरब और यमन की सीमा 1,800 किलोमीटर (1,100 मील) है. यह सीमा कंक्रीट से भरी हुई 10 फीट की ऊंचाई पर बनी एक संरचना है. इसको 2003 में आतंकवाद और घुसपैठ को रोकने के लिए बनाया गया था. सऊदी अरब में तस्करी वाले हथियार, अल कायदा के आतंकवादियों और आर्थिक शरणार्थियों (इथियोपिया, यमन और सोमालिया से) में वृद्धि देखी गई है, जिसने सरकार को बॉर्डर बनाने के लिए प्रेरित किया. यमन ने इसका विरोध किया और कहा कि यह सीमा चरवाहों के अधिकारों का उल्लंघन है. मार्च 2015 से दोनों देशों के बीच आधिकारिक तौर पर युद्ध चल रहा है.
5. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच का बॉर्डर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा को डुरंड लाइन कहा जाता है और 1,510 मील तक फैली हुई है. दोनों देशों में आतंकवाद की वजह से सीमा पर भी लगातार तनाव की स्थिति बनी रहती है. ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा दुनिया में सबसे अस्थिर है. यह सीमा दोनों देशों के बीच पश्तून जातीय मातृभूमि को विभाजित करती है. इस विभाजन के कारण ही सीमाओं में विवाद हैं. ऐतिहासिक रूप से, अफगान ने पाकिस्तान को पश्तून क्षेत्र में घेरा लगाने से रोक दिया था. इसलिए इस सीमा के पास अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सेना द्वारा कई हमले होते रहते हैं.
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